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*गीत*(निर्झर) पर्वत की ऊँची चोटी से, झर-झर निर्झर बहता है। लेकर सुंदर रूप नदी का- जा सागर से मिलता है।। प्यासी धरती बाट जोहती, फसलें राह निरखतीं हैं। व्याकुल होकर प्राणी ...